स्कूल को स्वच्छ रखना होगा एवं डब्बा ढ़ोल आंदोलन

          स्कूल  को स्वच्छ रखना होगा एवं डब्बा ढ़ोल आंदोलन

बच्चो की स्वतत्र सत्ता को हमारा समाज हमेशा से नकारता रहा है , बच्चो को हमेशा रोक –टोक , दिशा –निर्देशों के साथ ही समाज ने स्वीकारा है, उनके स्वतंत्र चिंतन , रचनात्मक रवेये ,स्वायत्ता को लेकर बड़ो व तथाकथित समझदार लोगों ने सदैव संदेह से ही देखा है ।
वहीं दूसरी और अपने कौशल , जिज्ञासु प्रवत्ति ,अद्भूत साहस  से बच्चो ने समाज को हमेशा आश्चर्य में डाला है – अभी हाल के ही डब्बा ढ़ोल आंदोलन ने इसे साबित भी कर दिया है ।
एक ओर जहां स्वच्छ भारत अभियान में देश सभी लोग गंदी राजनीति में लगे हुए हैं , वही मध्य प्रेद्रेश के बच्चों ने खुले में शोच के खिलाफ़ डब्बा ढ़ोल आंदोलन से समाज को आईना दिखाने का काम किया है । हम बच्चे इस आंदोलन को आगे कैसे ले जायेँ जिससे समाज में व्याप्त अंधेरे में आशा की किरण प्रकाशित रहे ।
स्कूल जहां हम अपने बचपन का अधिकतर समय बिताते हैं ,जो हमारे भविष्य की आधारशिला रख रहा होता है ,उसकी स्वच्छता मंदिर की स्वच्छता से भी बढ़कर है । देश भर के स्वच्छता अभियान चाहे जिस दिशा जाये पर हम बच्चे ठानकर अपने स्कूल को स्वच्छ करने में सहयोग दे तो यह हमारे समाज के लिए भी आदर्श का काम कर सकता है ।
स्वच्छता की शुरुआत हर बच्चे को स्वयं से करनी होगी , अपनी कक्षा को स्वच्छ बनाना होगा ,ज़िम्मेदारी लेनी होगी , काम का बंटवारा करना होगा जिससे ये सुनिश्चित हो की मेरा स्कूल स्वच्छ रहे , स्कूल की भौतिक स्वच्छता स्कूल के अन्य आयामो जैसे – सीखने –सिखाने के उपागम में भी सहयोग करेगी और यहाँ बच्चे अपने सहपाठियों व शिक्षको के साथ मिलकर अच्छे ज्ञान का निर्माण करेंगे।

हम स्कूल को केवल दिखावे के लिए स्वच्छ नहीं करेंगे ,जैसे मध्य प्रेदश के बच्चो ने समाज को आईना दिखाने का काम किया है , डब्बा ढ़ोल आंदोलन करके  ,हमें भी आंदोलन ही करना होगा ,स्वच्छता आंदोलन –ये स्वच्छता आंदोलन किसी कक्षा ,स्कूल की सफाई तक नहीं बल्कि यहाँ से तो सिर्फ शुरुआत होगी , हमे तो समाज को बताना है की अब बच्चो ने कमान थाम ली है ,बड़ो की नाकामी व मायूसी से हमे डर  नहीं लगता , हम अपने सपनों के लिए , एक स्वच्छ ,बेहतर समाज जो हर आयाम से स्वच्छ होगा जहां कोई प्रध्युमन  स्कूल में नहीं मरेगा । डब्बा ढ़ोल आंदोलन तो इस बदलाव की शुरुआत है ,हम बच्चे अपने नवाचरों व असीम ऊर्जा से अपने स्कूल को स्वच्छ रखेंगे ताकि हमरे मन तक यह स्वच्छता पहुंचे और हम गढ़े –एक स्वप्निल स्वच्छ दुनिया ।  

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