in seach of freedom 1 आजादी
ना जाने कब से शांत हो ,
थोड़ी हलचल तो दो ,
सच –झूठ ,सही –गलत की परवाह किये बिना
एक कतरा जिंदगी को जी लेने तो दो ,
कुछ गलतियाँ कर लो , कुछ बंदिशे छोड़ो
आजादी .......अरे इस शब्द को मायने तो दो
पंख है तो ख्याबों पर ,
उन्हे उड़ने तो दो ,
इन हवाओं में घुल रही हैं साँसे ,
इन साँसो में इन हवाओं को घुलने तो दो ,
वहम में हो की ,जिंदा हो
एक दफा खुद को खुद का तारुफ़ तो दो।
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