Education of 21st century-Change is the only constant.


\                                             Education of 21st century

                                                             Change is the only constant.
                                                                         1947 – 2019
आजादी के इस पावन पर्व पर आज मैं past की बात ना करकर आपको future की ओर ले चलता हूँ.
आज आप आजादी , शायद ही जी रहे होंगे ,
पर टेक्नोलॉजी जिस तेजी से बढ़ रही है ,वो आपके जीने की अल्गोरिथम को कंट्रोल करने की कोशिश में हैं और कोशिश कर रही है .
आपको क्या देखना है – यू tube ,netflix तय करते हैं , आपको क्या खरीदना है – अमेज़न और फ्लिपकार्ट तय करते हैं . आपको आपसे ज्यादा गूगल जानता है ,आपकी पुरानी मेमोरीज को भी सहज कर रखता है .
अगर कुछ जरा भी कंट्रोल आप इन अल्गोरिथम पर रखना चाहते हो तो आपको दौड़ना होगा , अपने अस्तित्व को बचाने के लिए , अपनी आजादी को बचाने के लिए ,
आपको इन अल्गोरिथम से तेज चलना होगा ,फास्टर than गूगल एंड अमेज़न .
वो आपको जाने ,उससे पहले आपको खुद को जानना होगा .
जब आप दौड़ो तो कुछ समान का साथ छोड़ना होगा ,ये समान भागने नहीं देगा आपको ,ये समान है –आपके भ्रम ,आपके गढ़े गए belief, आपकी आधी –अधूरी लर्निंग – इनसे पार पा पाए तो ही आगे निकल पाओगे ,सब कुछ ना छोड़ सको तो कुछ कम तो करना .
ये ही वो स्किल है जो 21st सेंचुरी या कहें २२nd  सेंचुरी में काम आने वाली है –
“हाउ टू unlearn”
और learn फ्रॉम the बेसिक्स again,
तो क्या आप तैयार है –आजादी के लिए ?
फ्रेंड्स मैं हूँ विकास , और आज बात कर रहा हूँ Education ऑफ़ 21st century की ,
जो आजकल हमारे स्टूडेंट्स सिख रहें है जी २०५० तक irrelevant हो जाने वाला है , हर बच्चे को सिखाना –हाउ टू रीड एंड write, कुछ बेसिक फैक्ट  जियोग्राफी ,हिस्ट्री के – सच में हमने बहुत अचीव किया है –ऐसा करने से .
पर अब इनफार्मेशन इतनी ज्यादा हो गई है की उस पर किसी का कंट्रोल नहीं रह पा रहा है , आप ये जज नहीं कर पा रहे हैं – क्या इनफार्मेशन करेक्ट है और कौन सी wrong.
आज लोग सीख रहें हैं – विकिपीडिया से, quora से , ऑनलाइन कोर्सेज से , TED talks से .
इन सबके बीच में स्कूलिंग के existence को फिर से सोचने की जरूरत है .


आज जरूरत है बच्चो को सिखाने की –
 “to think for themselves”
बहुत से pedagogy एक्सपर्ट argue कर रहें हैं four C सिखाने की –
Critical thinking,
कम्युनिकेशन
कोलैबोरेशन
क्रिएटिविटी
और कवायद इस बात की है की टेक्निकल स्किल सिखने से ज्यादा जरूरी है जनरल purpose लाइफ स्किल  सिखने की .
ये सीखना की – हाउ टू डील with change, to learn new things, अपने मेंटल बैलेंस को कूल बनाये रखने की आर्ट वो भी नई unfamiliar सिचुएशन में .
२०५० की एजुकेशन की तैयारी में केवल new ideas व् प्रोडक्ट्स हमारी हेल्प नहीं करेंगे बल्कि इन सबसे अलग हमें सीखना होगा – खुद को reinvent करना , again एंड again .
अगर हम ये सिखने में कामयाब हो गए  तो आने वाले कल के लिए हम तैयार हैं .
सोचिये , अपने आज को , क्या आप तैयार हैं? 
कुछ unlearn करने को ?
कुछ relearn करने को ?
खुद को reinvent करने को ?
आपने अभी तक कुछ ऐसा किया हो तो कमेंट बॉक्स में शेयर जरूर करें , क्यूंकि हम मिलकर हमेशा जीतते हैं .
हमें लड़ना है अपने बायोलॉजिकल system से भी , क्यूंकि reconnecting neurons एंड reवायरिंग synapse बहुत ही हार्ड वर्क की डिमांड करते हैं , सिखने की उम्र –जिसमे हम स्कूलिंग कर रहें होते हैं तब ब्रेन more फ्लेक्सिबल होता है  इस reconnecting एंड rewiring के लिए ,
पर अब 21st सेंचुरी  में स्टेबिलिटी फिक्शन हो जाएगी .
हमें हर नए के साथ जीना सीखना है , आप 30s में हो या  50s में – आपको reइन्वेंट करना है खुद को .
unfortunately, बच्चों को नए को embrace करने के लिए तैयार करना ,इमोशनल बैलेंस बनाये रखना ज्यादा मुश्किल काम है – फिजिक्स ,मैथ्स या हिस्ट्री पढ़ाने से.
क्या किया जाना चाहिए ?
तो एक एडवाइस आपके साथ शेयर कर रहा हूँ –
Do not follow your elders
एक जमाना था ,जब वो वर्ल्ड को younger one से बेहतर समझते थे  पर आज और आने वाले समय में younger one एडल्ट से आगे हैं , तो follow करने के बजाए –
“going to be different”
पर भरोसा किस पर करोगे ?
technology पर – रिस्की गैम्बल है ये !
पर हमें खेलना ही होगा ये जुआ .
अगर आप खुद को बेहतर जानते हो , की आप अपनी लाइफ में क्या चाहते हो? तो surely technology आपकी हेल्प करेगी आपके goal को achieve करने में पर अगर आप खुद को समझने में नाकाम हो तो technology तय करेगी आपके aims और आपकी जिंदगी को कंट्रोल कर लेगी .
मोबाइल फ़ोन वाले ज़ोंबी को देखकर आपको क्या लगता है ? किसने कंट्रोल किया हुआ है .
तो फ्रेंड्स , हैकर मौजूद हैं , हमें बचाना है 21st सेंचुरी में खुद को हैक होने से .
हम फिर वहीँ जा पहुंचे हैं – जहाँ से हमने एजुकेशन को शुरू किया था , socrates ऐसे तमाम philosphers ने यही बताया था एजुकेशन का मतलब –
“to know yourself”
आज ये urgency सबसे ज्यादा है .

मेरे साथ शेयर कीजिये की आप खुद को जानने के लिए क्या कर रहें हैं ?
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Reference :- 21 Lesson for the 21st Century (Yuval Noah Harari)

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