EDUCATION : एक अलग चश्मे से
As atmosphere consist of many layers e.g.-ionosphere, stratosphere, exosphere etc. same as education imbibes many layers e.g. – philosophy, definitions, knowledge etc. As human with the time adopted to atmosphere. Is not same for education? We adopted with time and feel danger of our existence in the absence of education like atmosphere. जब जरूरते लालच न थी , हमारी इच्छाएं बौनी थी , धरती के संशाधन ज्यादा थे , हमारे झगड़े सच्चे थे , हमारी दोस्ती पक्की थी , हाँ , वो एक दौर था , जब हम मानव ज्यादा थे , हमसे छीन लिए हमारे विचार , दे दिये नए सपने , प्रतिस्पर्धा ने छीन लिए हमारे सारे रिश्ते , क्यूँ एक दिमाग में उपजी अवधारणा को हमने सब पर थोप दिया ? रीति-रिवाज , परंपरा , सभ्यता ........ और न जाने क्या –क्या इन नामों को तो जिंदा रखना जरूरी समझा , पर इनकी कीमत में मानवता को ही दे डाला , समाज ने इसको रचा , या इसने समाज को इसने बना डाला , ...