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EDUCATION : एक अलग चश्मे से

             As atmosphere consist of many layers e.g.-ionosphere, stratosphere, exosphere etc. same as education imbibes many layers e.g. – philosophy, definitions, knowledge etc. As human with the time adopted to atmosphere. Is not same for education? We adopted with time and feel danger of our existence in the absence of education like atmosphere.     जब जरूरते लालच न थी , हमारी इच्छाएं बौनी थी , धरती के संशाधन ज्यादा थे , हमारे झगड़े सच्चे थे , हमारी दोस्ती पक्की थी , हाँ , वो एक दौर था , जब हम मानव ज्यादा थे , हमसे छीन लिए हमारे विचार , दे दिये नए सपने , प्रतिस्पर्धा ने छीन लिए हमारे सारे रिश्ते , क्यूँ एक दिमाग में उपजी अवधारणा को हमने सब पर थोप दिया ? रीति-रिवाज , परंपरा , सभ्यता ........  और न जाने क्या –क्या इन नामों को तो जिंदा रखना जरूरी समझा , पर इनकी कीमत में मानवता को ही दे डाला , समाज ने इसको रचा , या इसने समाज को इसने बना डाला , शिक्षा – क्यूँ ये सब तूने कर डाला ।  1.    

How do we learn,learning and integrated technology with education

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This write up is written after Integrated approach of technology in education training, about learning, multiple intelligence and ITE. मेरा सफ़र जहां से शुरू हुआ , वृक्षो की हरियाली मे , हवा का विचरण शुरू हुआ , जैसा जाना , वैसा पाया , वृक्षो की डाली को , कहीं , लदी , कहीं सूखा पाया , कहीं वृक्ष विरल , तो कहीं सघन पाया , पक्षी ऐसे चाहक रहे थे , जैसे मे , मे रहता था , पानी की धारा की हलचल , भी जानी पहचानी थी , लोगों को दुख मे व्याकुल , और खुशी मे हसता पाया , मानव संवेदनाओ मे , मेने कहीं न कोई परिवर्तन पाया , हाँ कहीं घने थे साधन , कहीं उनका अभाव है पाया , वस्त्र वही थे , थोड़ा सा , बस रूप बदलता पाया , आस्था और विश्वास , हाँ , ढंग मे भिन्नता , पर मर्म को एक ही पाया , मुझको जो धरती की सीमाएं बतायीं गई थी , पर सच मे , उस सीमा को , कागज से बाहर निकाल न पाया , जैसी भिन्नता  मुझे , बतलाई गई थी , उसको तो मे खोज न पाया , कहीं घटा थी , कहीं था उजला , वही आकाश को हर जगह पाया , कितनी भिन्नता मुझे बतलाई गई थी , कितने हिस्से , कित