A tribute to my teacher
A tribute to my teacher
A tribute to my teacher
मनन –मनन कोटी कोटी मनन मनन ,
उस दिव्य रूप ,उस ईश रूप ,उस सर्व रूप
मेरे जीवन के प्रेरणा स्वरूप ,उन गुरुओं को महानमन
मे तो जल की एक धारा था ,
मुझे नहीं था मालूम ,
किस रहा था मुझको बहना
तब आप आए ,चट्टान बने ,
मुझको राह दिखायी,
मे तो आवेग मे , नई उमंग के जोश मे ,
निरथर्क ही बाद रहा था ,
आपने विशाल मैदान बनकर
मुझे दी सिथिरथा ,गहनता ,विशालता
सरलता ,गंभीरता
मेरे जीवन को दिया नया आयाम ,
जब जब मे राह से भटका ,
या संघर्षों से डरकर हो गया
स्तब्ध ,
आपने खुद को कर प्र्त्यक्ष
नव ऊर्जा का संचार किया ,
मेरे कोरे सपनों को ,ठोस आधार दिया ,
कभी मुझे बदलने को ,
मुझसे कठोर व्यबहार किया ,
ये आप ही हो ,
जिसने मेरी नोका को हर भवर से
पार किया ,
मेरे उद्गम से ,सम्पूर्ण सफर
मुक्ति तक का मार्ग दिया ,
ये शीश आपको झुकता है ,
हिर्दय से अभिनंदन करता है ,
नमन-नमन ,कोटी कोटी ,नमन –नमन ,
स हिरदया आपको करता है !
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