सूरज किस रंग का होता है ?ITE Project 1

ITE project
Batisha
28/02/2018
                                                            सूरज किस रंग का होता है ?
बैकग्राउंड – बच्चो के साथ आकाश ,तारों , ग्रहों ,तारों से बनने वाली आकिर्ति ,धुव्र तारे पर चर्चा की गयी थी , आकाश को धुव्र तारें को पहचानने ,चन्द्रमा के सतत अवलोकन को घर काम दिया गया था , चंद्रमा किस दिशा से निकलता दिखाई देता है ? क्या रोज एक ही दिशा से निकलता है ? ( दो दिवस इन मुद्दों पर चर्चा की गई थी )

आज हाल में ही पढ़ाये गए विज्ञानं विषय के पाठ हमारा सूर्य मंडल के दोहराव व् आकलन के लिए बच्चों के साथ चर्चा शुरू की गई . बच्चो ने सौर मंडल का चित्र बनाया हुआ था ,जिसमें उन्होंने सूर्य और नौ गृह बनाये हुए थे . मेरे द्वारा प्लूटो पर संदेह करने से बच्चो ने बताया की यह बौना ग्रह है . बच्चों ने पृथ्वी को नीला ,शुक्र को लाल आदि रंग से रंगा हुआ था .
ये रंग आपको कैसे पता चले ?
किताब से .
धरती नीली कैसे ? मुझे तो नहीं दिखाई देती ?
कुछ देर कक्षा में शान्ति के उपरांत ,आपस में फुसफुसाहट ......
पानी की वजह से ,
क्या पानी नीला होता है ?
हमारी किताब में  गृह के वजन , पर्यावरण के बारे में ही लिखा है .
आप और क्या जानना चाहते हैं ? आपके पास सवाल हो तो पहले उन पर ही बात की जाएगी ,मिलकर तलाशते है ,जबाबों को और सवालो को भी . हम कंप्यूटर तकनीक का उपयोग भी करेंगे ?
कुछ देर चर्चा के बाद यह तय हुआ की गृह के परिक्रमण ,परिभ्रमण का समय , उस ग्रह पर हमारा वजन , गृह का रंग तापमान आदि को ढूंढते हैं .
बच्चो ने एक –एक ग्रह को चुन लिया और उसी के बारे में सूचना जमा करना तय हुआ ,फिर सभी एक साथ इसका प्रस्तुतिकरण करेंगे . हमारे पास दो लैपटॉप , एक जिओ वाई –फाई दो सुगमकर्ता और मैं बच्चों के सहयोग  के लिए थे . गूगल ट्रांसलेटर ने भी गुजराती में सुचना देने में मदद की .
बच्चो को ये समझ में आ रहा था की सही सवाल पूछना कितना जरूरी होता है ? हम तो एक दुसरे के सन्दर्भ को समझने का प्रयास करते ही हैं पर मशीने इस समझने के काम में अभी इतनी निपुण नहीं हैं . एक तो हमें अपनी भाषा का चयन इसी के अनुसार करना होगा , कीबोर्ड पर मंगल ,बुध ,शनि लिखने के लिए इसे रोमन लिपि में लिखने की आदत डालनी होगी जिससे गूगल ट्रांसलेटर की सहायता से इसका अंग्रेजी नाम पता चल सके व् खोजने में आसानी हो , प्रशनावाचक शब्दों जैसे WH परिवार वाले शब्द भी बच्चो के अभ्यास से दूर ही थे. बच्चे अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ रहे थे. तापमान को अंग्रेजी में क्या कहते है ?  वजन के लिए क्या टाइप करे? यह प्रश्न भी बड़े गति अवरोधक बनकर सामने आये. पर इस सबके चलते उनकी जिज्ञासा को जो पर लगे वो देखते ही बनते थी . हर शब्द को आजमा के देख रहे थे और नयी- नयी जानकारी पाकर उनके चेहरे की ख़ुशी और उमंग  उन्हें भाषा की अड़चन के बाबजूद आनंद प्राप्त करा रही थी .
एक बच्चे ने सवाल पूछा की – सूरज का रंग कैसा होता है ?
इस सवाल को बड़े समूह में रखने पर बच्चो ने जबाब दिए की  पीला .कुछ ने नारंगी भी बताया . मैंने आग्रह किया क्यूँ ना इसे भी गूगल पर खोज कर देखे .
Google भी सटीकता से इसका जबाब नहीं दे पाया , पीला , लाल ,नारंगी  और सफ़ेद .
हम जैसे दुनिया को देखते हैं क्या ये वाकई ऐसी है ? हमारी देखने व् समझने की सीमाएं अलग –अलग हैं , जिसके कारण एक ही वस्तु को देखने पर भी हम अलग –अलग नतीजे पर पहुँच सकते हैं ? गणित व् विज्ञानं इस नजरिये को गढ़ने में हमारी बहुत सहायता करते हैं.
२ का चित्र जब तक अर्थ नहीं पाता जब तक इसकी समझ हमें नहीं मिल जाती. ऐसे ही आकाश हमें नीला दिखाई देता है ,क्या वास्तव में ऐसा है ? इसके लिए बच्चो के साथ एक प्रयोग किया , हम एक प्रिज्म व् एक नोटबुक लेकर कक्षा के बाहर आये , इन्द्रन्धनुष के रंग को निहारते हुए सूरज के रंग पर मैंने चर्चा को बढ़ाया , की हमें जो सूरज सफ़ेद रंग का प्रतीत होता है ,वास्तव में उसमें सात रंग निहित होते हैं , इन सात रंग की घूमने वाली चक्र भी बनाने को घरकाम दिया की जब आप इसे घूमोगे तो ये अवलोकन करना की ये किस रंग की दिखाई देगी. हमारे वातावरण के कारण  सूरज हमें पीला भी दिख जाता है ,प्रकाश के फैलने के कारण .
बच्चो को उनके स्तर के अनुरूप व् समय सीमा के दायरे को देखते हुए कुछ जबाब व् ढेर सारे सवाल दिए , नीला रगं धीरे चलता है इसलिए पीछे रह जाता है ,बाकी रंग आगे निकल जाने के कारण हमें आकाश भी नीला दिखाई देता है  और दरिया भी ,पर ये सच में इस रंग के नहीं होते.
लाल रंग सबसे तेज़ चलता है इसलिए सवेरे –सवेरे सबसे पहले हमें सूरज इसी रंग का दिखाई देता है . फिर शाम को लाल क्यूँ  दिखाई देता है ? मेरे साथ और कई ने यही सवाल उकेरा ?
रंग तो सातों निकलते हैं पर जिनकी लम्बाई ज्यादा होती है वो दिख जाते हैं , बाकी सारे पीछे रहकर धूमिल हो जाते हैं.
रंग जैसे अमूर्त विषय पर बात करना आसन नहीं रहा , रंग वास्तविक जगत में हैं भी या नहीं या सिर्फ हमारे दिमाग में ,यह विज्ञानं जगत में भी इतना ही गूढ़ है की रंग भ्रम है या वास्तविक .
बच्चो को गूगल पर खोजने के ज्यादा से ज्यादा मौके देने की योजना के साथ वो एक सोलर सिस्टम पर वीडियो बनाये जो की अपेक्षाकृत आसान रहेगा , बच्चो के कौतुहल को जीवन्त रखने में ही विज्ञानं विषय में काम करने  की सार्थकता हैं






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