बातों –बातों में गणित (वैदिक गणित ,बीजांक )
बातों –बातों में गणित (वैदिक गणित ,बीजांक )
मेरे मित्र शिक्षक ने हाल में ही वैदिक गणित में अपनी समझ बनाई थी ,कुछ नयी –नयी
विधियाँ वो मुझसे साझा करता रहता है ,इस बार अंक 9 से बनी
संख्याओं से किसी भी संख्या से गुणा करने की विधि थी। पलक झपकते ही वो बड़ी –बड़ी
संख्याओं (पर केवल अंक 9 से बनी हुई) को
एक अंक व दो अंको की व तीन अंको की संख्याओं
से गुणा कर रहा था मेरी उत्सुकता को ज्यादा ना बढ़ाते हुए उसने मेरे मन में
उठने वाले प्रश्नो को भाँपकर मेरे बिना पूछे हुए ही मुझे समझाने का प्रयास किया , उसने 8*9 से अपनी बात शुरू की ,मानक तरीके से गुणा ना करके यहाँ हम 8 से एक कम 7 लिख लेंगे फिर 7 को 9
में से घटा कर लिख लेंगे ,मैं कुछ पूछता इससे पहले ही मुझे
और उदाहरण देखने को कहा , उसने अगला उदाहरण लिया 23*99 ,इसके हल के लिए 23 से एक कम 22 लिखा फिर 99 में से 22 को कम करके लिखा
-2277 ,ऐसे ही 38*999 को 37 962 ,47*9999 को 46 9953 लिख लेंगे । हर्ष से मेरी ओर विजयी मुस्कान करते हुए बोला। कुछ
–कुछ समझ तो मेरी भी बनी थी ,मैंने अपने शब्दों में इसे कहा , जिस संख्या से अंक 9 से बनी संख्या को गुणा कर रहें हैं ,पहले उस संख्या से एक कम करके लिखेंगे फिर प्राप्त संख्या को अंक 9 से बनी
संख्या में से घटा कर लिखेंगे । हमने कुछ और उदाहरण लिए जैसे –
679*999999=678 999321
56*9999999999=55 9999999944
7846*9999999=7845 9992254
उसके तीसरे उदाहरण को पूरा लिखने से पहले ही मैं तपाक से बोला गड़बड़ है भाई ,उसने
अपनी गलती सही करते हुए लिखा 7845 9992154 ,और कहा ये तो जल्दबाजी में घटाने में गलती हो गई थी , इस विधि में कोई गड़बड़ नहीं है ,अब मुझे भी तो अपनी
नई बात बतानी थी जो इसके जैसी ना हो पर उससे कम भी ना हो ,मैंने
कहा मैं बिना गुणा किए बता सकता हूँ की हमारा हल गलत है या नहीं ,सही की तो गारंटी नहीं लूँगा पर गलत है इसको निश्चित बता दूंगा । अभी तक
हम केलकुलेटर की सहायता से हल की जांच कर रहे थे । इसको समझते हुए हमने इसे निम्न
तरीके से लिखा –
8 * 9 = 8 * (10 -1)= 80 – 8 = 72
एक और
23*99 = 23* (100-1) = 2300 – 23 = 2277
उसके द्वारा पकड़े पैटर्न को मैं भी अब कुछ –कुछ समझ रहा था ,और ऐसे
ही उदाहरण लेने से पकड़ मजबूत होगी ,मुझे उसे अपनी बात भी
बतानी थी ,
मैंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा –
मैंने डिजिटल रूट के गुणधर्म के उपयोग करते हुए यह सब किया । अब सारी
चर्चा अंक 9 की गुणा से हटकर डिजिटल रूट पर आ गई । बीजांक –डिजिटल
रूट का हिन्दी अर्थ । किसी भी संख्या के अंको को जोड़ो ,फिर मिली
संख्या के अंको को जोड़ो जब तक एक अंक की संख्या ना मिल जाये ,ऐसे हमे बीजांक मिलता है , इसे ज्यादा ठीक कहने के प्रयास में किसी भी प्राकर्तिक संख्या के अंको को
जोड़ते रहो ,जब तक एक अंक की संख्या ना मिले ,बीजांक कहलाता है । उदाहरण से समझ पुख्ता हो शायद –
345 =3+4+5=11, 1+1=2
345 का बीजांक 2 इसे गनीतिए रूप में लिखने का तरीका –
B (345) = 2
और
B (9952) = B (9+9+5+2) = B (25) = B (2+5) = B (7)
मेरे दोस्त की रुचि कुछ कम होने से पहले ही मैंने जल्दी ही कुछ उदाहरण लेकर अपनी बात को बढ़ाया –
25 + 37 = 62
B (7) +B (10) = B (8)
B (7) + B (1+0) = B (8)
B (7) + B (1) = B (8)
B (8) = B (8)
इस पर मेरा दोस्त कुछ उत्साहित हो बोल उठा ,दोनों तरफ के बीजांक बराबर
होना ,जोड़ सही होने की शर्त होगी । क्या यह गुणा में भी होगा
–
देख लेते हैं – 25 *37 = 925
B (7)*B (1) =B (16)
B (7*1) = B (7)
B (7) = B (7)
यह तो बढ़िया बात पता चली सवाल को जाँचने में मदद मिलेगी । दोनों ने मिलकर इस
बात को गणितीय रूप में लिखा –
B (m + n) = B (B (m) + B (n))
B (m n) = B (B (m) B (n))
हम दोनों के दिमाग में एक –एक बात और आई ,पहले मैं –पहले तू करते करते
हुए मेरे मित्र ने पहले अपनी बात रक्खी –एक और एक से बड़ी व 9 व 9 से छोटी संख्या
का बीजांक वही संख्या होगी। मतलब 5 का बीजांक 5 ,इसे गणित की
भाषा में लिखने पर
यदि 1 ≤ n ≤ 9, तब B(n) = n, यहाँ n एक धन
पूर्णांक है
ये बात हुई, अब मेरे दिमाग में जो बात आई थी –
किसी संख्या व उसके बीजांक का अंतर 9 का गुणज होगा ।
जैसे संख्या 345 का बीजांक 3
इनका अंतर 342 जो 9 का गुणज है ,कोई और उदाहरण लेने पर
4246 का बीजांक 7 ,अंतर 4239 जो 9 का गुणज है ,
मेरे संदेही मित्र ने मेरी बात को काटते हुए कहा की ऐसे कई उदाहरण लेने पर भी
क्या हम इस नतीजे पर पहुँच सकते है क्या की
किसी संख्या व उसके बीजांक का अंतर 9 का गुणज होगा ।
उसकी इस बात से आज में कैसे मना कर देता ,अक्सर मैं खुद ही उससे इस
तरह के सवाल करता था । गणितीय सिद्ध को लेकर हमारी लगभग समान समझ थी की कई उदाहरण
लेने से भी हम यह नहीं कह सकते की सदैव ऐसा ही होगा । इसको सिद्ध करने में उसने भी इसमें मेरी मदद की –
हमारी दाशमिक संख्या पद्धति के अनुसार संख्या का विस्तारित रूप लिखने का तरीका
–
345 = 3 *102 + 4*101 + 5 *100
इसका गणितीय रूप – (संख्या लिखते समय दायें से लिखने का नियम है , यहाँ 0
से बढ़ते हुए शुरुआत की है )
संख्या n = a0 + 101 a1 + 10 2 a 2
+10 3a3……
बीजांक S(n) = a 0
+a 1 +a 2 + a 3 ………..
संख्या व बीजांक का अंतर
संख्या – बीजांक =a 1(10 1 -1) - a2 (102 -1) - a3
(103- 1)..........
यहाँ गुणांक 9 के गुणज है इसीलिए अब यह कह सकते हैं की किसी संख्या व उसके बीजांक का अंतर 9 का
गुणज होगा,हर संख्या के लिए अब हम यह कह सकते हैं ।
फिर तो संख्या व बीजांक का अंतर 3 का भी तो गुणज होगा – मेरे
मित्र ने सहजता से कहा ,
हाँ ,बिल्कूल मैंने भी उसकी बात का समर्थन किया ।
बातों ही बातों में हमने बीजांक की कई विशेषताओं का पता लगा लिया था ,
मेरे मित्र और मैंने कुछ और बीजांक के उदाहरण लिए ,अब हमारी
चर्चा सिर्फ बीजांक पर केन्द्रित हो गई थी । मेरे मित्र ने एक नई बात और मेरी
जानकारी में जोड़ी –
Perfect नंबर से जुड़ी हुई, उसका कहना था
की किसी भी perfect नंबर का बीजांक 1 होगा
, यह मेरे लिए बड़ी मजेदार बात थी । पर्फेक्ट नंबर उस संख्या को
कहते हैं जिसके भाजकों का योग वही संख्या होती है, भाजकों
में स्वयं को नहीं गिनेंगे, उदाहरण से बात और साफ होगी –
28 - 1+2+4+7+14
B (28) = B (10) = 1
B (496) = B (19) =1
B (8128) = B (19) = 1
B (33550336) = B (29) =1
इस पर मेरे मन तुरंत यह सवाल आया की 6 भी तो पर्फेक्ट नंबर है (6=1+2+3),पर इसका
बीजांक तो 6 ही हैं। तो हम पर्फेक्ट नंबर का बीजांक 1 होगा कैसे कह सकते हैं ?
गणित में कई बार ऐसा होता है की कुछ उदाहरण हमें किसी समान्यकरण की ओर ले जाते
हैं,पर अचानक से कोई प्रतिउदाहरण आते ही हमारी बनाई इमारत तुरंत ढह जाती है ।
एक मुक्कमल गणितिए तर्क के बिना हम गणित में कोई समान्यकरण नहीं कर सकते।
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