Understanding of Decimal number system -1 Game for Place value system through Dean's block
गणित की अवधारनाएं अमूर्त होती हैं , एक विचार रूप में ,जो
मानव की एक समझ हैं । कुछ सर्व सिद्ध मान्यताएँ जो स्वयं सिद्ध है , या जिन्हे सिद्ध नहीं किया जा सकता है ,उन पर तर्क
की सुसंगतता से गणित की अवधारनाए सोपानक्रमिकता से आगे बढ़ती जाती हैं ।
संख्या ज्ञान समझ गणित की दुनिया की बुनियादी समझ में से एक होती है, इसमें
खामियाँ रह जाने से आगे कठिनाइयाँ तो बढ़ती ही हैं अपितु ये कमजोरी गणित से दूरी
बनाने में पहला कदम भी हो जाती है।
संख्या ज्ञान की समझ में तीन मुख्य आयाम होते हैं – संख्या का नाम , संख्या
का चित्र ,संख्या का अर्थ या समझ । नाम व चित्र के साथ उसके
मायने की समझ बनाने में बड़े मानसिक जतन की जरूरत होती है। जैसे 5 का चित्र तो 5 के
नाम से जोड़कर आसानी से दिखाया जा सकता है पर इसकी 5 की मात्रा से समझ के साथ तार
जोड़ने में ही सारी जुगत है। इसीलिए बड़े संयम से संख्या ज्ञान की शुरुआत करनी चाहिय
,संख्या की अमूर्तता के साथ समझ बनाकर ही आगे बढ़ा जाये , 1 से 9 तक की संख्याओं के साथ लंबे कार्य के बाद सावधानी से 0 की समझ पर
पहुँचना चाहिय । जीरो की दोहरी समझ –संख्या के रूप में व स्थानीय मान के संदर्भ
में संख्या ज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण पहलू की तरफ बढ़ा रही होती है – दस आधारित
संख्या पद्धति में स्थानीय मान को समझना ।
स्थानीय मान की समझ कई सभ्यताओं के लंबे गणितीय सफर तय करके बनाई गई है , इसकी
अवधारणा की समझ से ही प्रारम्भिक कक्षाओं की गणित की समस्याएँ जुड़ी हुई हैं –
15 को 1 व 5 से मिलकर बना देखना ,जिससे 15
व 51 में बड़ी संख्या व छोटी संख्या में उलझन
अंको की संख्या के आधार पर संख्या की तुलना जैसे 303 व 0303 में 4 अंकों की
संख्या को बड़ा समझना
एक सौ पाँच को 1005 में लिखना या 1005 को एक सौपाँच पढ़ना
संख्या के स्थानीय मान को लेकर उलझन जैसे 343 में बायीं तरफ वाला तीन सौ है या
तीन सौ आदि
ये समस्याएँ संक्रियाओं को जंजाल बना देती हैं और मानक विधियाँ संक्रियाओं को
हल करने की स्थानीय मान की समझ को इतनी जगह भी नहीं देती ,जैसे 25
में 35 जोड़ते हुए 5 में 5 को जोड़ना फिर 3 में 2 को जोड़ना ,मानक
विधियाँ बालकों की मानसिक विधियों से भी तालमेल नहीं रखती हैं जैसे 25 और 35 को जोड़ते हुए
20 व 30 को जोड़ना फिर 5 और 5 को मिला कर हुए दस पहले वाले योग में शामिल
करना ,50+10 ,60 तक पहुँचना ।
अत: प्रारम्भिक स्तर पर ही स्थानीय मान की समझ का मजबूत आधार बनाए जाने की
आवश्यकता है ,इसके साथ ही जरूरत है
मानक विधियों पर पहुँचने से पहले संक्रियाओं के गणित की समझा जाना ।
स्थानीय मान की समझ समूह में गिनने की अवधारणा से शुरू की जा सकती है , दस से बड़ी संख्याओं को शुरू
में छोटे –छोटे समूहों में गिनना जैसे 2 के समूह में ,3 के
समूह में आदि , फिर 20 में दो दस के समूह देख पाना ,30
में 3 दस के समूह देख पाना । इसी समझ को बनाने के लिए एक खेल को
समझते हैं ।
डिन्स ब्लॉक का परिचय
पूरी कक्षा इसमें अलग –अलग तरीको से शामिल होती है , दो –दो
बच्चो के 4 समूह को आगे गोलाकार बैठाकर ,बाकी बच्चे देखते
हुए खेल में शामिल होंगे , शिक्षक बच्चो के स्कोर को अंकित
करने व कमेंटटर की भूमिका में होगा । चारों समूह के नाम बोर्ड पर लिखे जाएंगे ,बच्चो के बीच में ढेर सारी (मोती या कंकर ) डिन्स ब्लॉक की इकाइयो को रखा
जाएगा , 2 और बच्चे बैंक की भूमिका में होंगे जिनके पास
डिन्स ब्लॉक की इकाइयां ,दहाइयाँ (स्ट्रिप ) व सैकड़ा वाले
फ्लैट होंगे ।
चारों समूह में से कोई एक सबसे पहले पासा फेंकेगा ,उस पर
जितना अंक आएगा उतनी इकाइयों को उठा लेगा , ऐसे ही क्रमश:
अगले समूह चाल चलेंगे और पासे पर आए अंको के बराबर इकाइयां उठा लेंगे।
महत्वपूर्ण नियम – जैसे ही किसी समूह
के पास दस इकाइयां हो जाएंगी वो इनको बैंक में जमा कराकर दस की स्ट्रिप (दहाई) को
ले लेगा ,इसी प्रकार दस स्ट्रिप हो जाने पर इनको
बैंक में जमा कराकर एक फ्लैट (सैकड़ा) ले लेगा ।
शिक्षक की भूमिका – शिक्षक पूरी कक्षा के लिए कमेंटरी करता हुआ स्कोरर की
भूमिका निभाएगा , पासे पर आई संख्या को समूह से पूछकर ज़ोर से बोलकर सभी को बताएगा। जैसे पासे पर 5
आने पर पूछेगा की क्या आया है , समूह के सही बताने पर या सही
ना बताने पर सही करते हुए तालिका में लिखकर दिखाएगा । तालिका इकाई ,दहाई व सैकड़ा के स्तम्भ से बनी होगी ।
खेल जैसे –जैसे आगे बढ़ेगा , समूह इकाइयों को दहाइयों से बदलते जाएँगे ,दहाइयों को सैकड़े में बदलते जाएँगे ,खेल शुरू करने
से पहले समय सीमा निर्धारित कर दी जाएगी , समय पूरा होने पर
समूह अपने –अपने पास एकत्रित हुई इकाइयों ,दहाइयों व सैकड़ों
को बताएँगे ,शिक्षक की तालिका से मिलान करेंगे , सभी अपनी –अपनी बनी संख्या को बोर्ड पर देख रहे होंगे जैसे –किसी समूह के
पास 4 इकाइयां ,5 स्ट्रीप्स व 2 फ्लैट है , शिक्षक अपनी तालिका में इन्हे दर्ज करते हुए 254 संख्या में 2 सैकड़े ,5
दहाइयाँ व 4 इकाइयां होने की बात बच्चो के साथ साझा करेगा । किसी के
ना होने पर उसे ज़ीरो से लिखने वाली बात पर भी ज़ोर देकर बताया जाएगा। संख्या में
दायीं तरफ इकाई लिखने फिर प्रत्येक बाई तरफ 10 से गुणित हो जाने के गणित की ओर भी
चलने की पूर्व तैयारी भी इस खेल के माध्यम से शुरू हो सकेगी । जिसकी सबसे बड़ी
संख्या होगी वही समूह विजेता होगा , किन्ही समूहो की संख्या बराबर होने पर उन्हे संयुक्त स्थान दिया जाएगा ।
डिन्स ब्लॉक की गैर मौजूदगी में मोतियों व कंकरों को इकाई की तरह तथा कार्ड
/पेन आदि को दहाई व कॉपी को सैकड़े के जैसे उपयोग कर सकते हैं ।
इस टीएलएम के उपयोग में
एक और खास बात ये है की जब बालक एक दहाई(स्ट्रिप ) को देख रहा होता है उसे अपने
मानस में उसमें निहित 10 इकाइयों को या सैकड़े (फ्लैट )को देखते हुए उसमे निहित 10
दहाई व 100 इकाई को विम्बित करना होता है ये
समझ स्थान के साथ जुड़कर संख्या ज्ञान की बुनियादी समझ बनाने में सहायता करती है।
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