योग -योग का इतिहास व् योग का अर्थ आज के यतार्थ में
ह्यूमन बीइंग –इन्सान लगातार अपनी समझ ,ज्ञान ,क्षमताएं बढ़ा रहा है , हम सबसे ज्यादा ताकतवर है –जब हम देखते हैं पिछले मानव इतिहास को ,पर हमें इस पॉवर से करना क्या है – इसका जबाब किसी के पास नहीं है . हम सेल्फ मेड गॉड हो गए हैं ,जो किसी के प्रति जिम्मेदार नहीं है . क्या इससे भी ज्यादा कुछ खतरनाक हो सकता है की एक गैर –जिम्मेदार ,असंतुष्ट मानव जिसने गॉड के समान पॉवर तो हासिल कर ली हैं – पर वो खुद नहीं जानता की वो चाहता क्या है ? ये सवाल जरूर फिलिसोफिकल हैं , हजारों सालों से अलग –अलग तरीकों से इन पर विचार क्या गया है , पर आज इन सवालों के जबाब तलाशना सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है . तारीखों से हमने ये पाया है की – लम्हों ने खता की है , सदियों ने सजा पायी . फ्रेंड्स मैं हूँ विकास और आज मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ –एक जबाब –ऐसे सवालों का , यूँ भी कह सकते हैं की एक सवाल जो आपको सोचने को मजबूर करेगा और आप भी तलाश शुरू कर दोगे, और मिलकर हम हमेशा जीततें हैं , तो बने रहिये मेरे साथ वीडियो के आखिर तक –एक संभावित जबाब की परते पलटते हैं , सबसे पहला काम – चैनल को कर लीजिये सब्सक...