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Showing posts from January, 2019

भारत रत्न रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया का हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड

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                            भारत रत्न रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया का हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड https://youtu.be/0nSUjoiNKh0    You tube video link हेलो फ्रेंड्स मैं हूँ विकास और आज बात कर रहा हूँ भारत के सर्वोच्च पुरुस्कार के बारे में –भारत रत्न के बारे में , भारत रत्न रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया का हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड है , इसकी शुरुआत आजाद भारत में १९५४ में हुई थी ,शुरुआत में इसे केवल कला ,साहित्य ,विज्ञान और लोकसेवा तक सिमित किया गया था ,परन्तु दिसम्बर २०११ में इसे एक्सपेंड किया गया उत्कृष्ट मानवीय प्रयास किसी भी फील्ड में. भारत रत्न की रिकमेन्डेशन प्राइम मिनिस्टर करता है राष्ट्रपति को ,हर साल मैक्सिमम तीन अवार्ड नोमिनेट किये जा सकते हैं . अब आप सोच रहे होंगे इनाम में मिलता क्या है ? सबसे पहले तो ये भारत का सर्वोच्च सिविलियन अवार्ड है इसको पाने का जो गौरव है उसे शब्दों में बयां तो किया ही नहीं जा सकता है ,पर जो हम देख सकते हैं वो है एक सनद (सर्टिफिकेट) साइंड by   प्रेसिडेंट, और एक पीपल की पत्ती के शेप का मैडल , कितना पैसा मिलता है ये तो बताओ –आप ये जानना चाह रहे होंगे , तो फ्रेंड्स मैं

संविधान की उद्देशिका का अर्थ -संवैधानिक मूल्य Preamble of Indian constitution -meaning and explanation

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हेलो फ्रेंड्स , मैं हूँ विकास, आज की वीडियो अपने आप में खास है क्योंकि आज हम बात कर रहें हैं   “संवैधानिक मूल्य “ की, जिनका नाम तो हम अक्सर सुनते –पढ़ते हैं ,पर आज हम उनके मीनिंग को भी जानेगें और ईमानदार कोशिश करेंगे इनको अपनी –अपनी लाइफ में मीनिंग देने की . तो शुरू करते हैं , भारत के संविधान की उद्देशिका से , हम , भारत के लोग , भारत को एक सम्पूर्ण , प्रभुत्व –संपन्न , समाजवादी , पंथ –निरपेक्ष , लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिको को : सामाजिक ,आर्थिक   और राजनैतिक न्याय , विचार ,अभिव्यक्ति ,विशवास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता , प्राप्त कराने के लिए , तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए द्रढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख २६ नवम्बर ,१९४९ ई. (मिति मार्गशीष   शुक्ला सप्तमी ,संवत दो हजार छह विक्रमी ) की एततद्वारा इस संविधान को अंगीकृत , अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं . उद्देशिका में आये शब्द आज की यंग

The Great Indian Mathematician- Dating from Indus Valley Civilization to Modern times

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                                                   The Great Indian Mathematician                                              Dating from Indus Valley Civilization to Modern times There is a claim that Indian Mathematics is not really Mathematics since it was not axiomatic, it was related to the world whether in calculation of planet positions or dimensions of the sacrificial pyre, it was not really logic since it was explicitly related to the empirical and so on. Indian Mathematics was explicitly engaged with the natural world and is in some sense grounded upon the nature of our cognition as well as the nature of the world. It was more about doing and in a sense closer to the constructivist paradigm. A famous example is the Indian mathematicians' pragmatic acceptance of square root of 2 (as something that is used in construction, for example) as against its rejection by the Pythagoreans on idealistic grounds. Another one uniqueness is the way Indian mathe